आरआईसी (RIC) अर्थात रूस-भारत-चीन के त्रिपक्षीय विश्व समूहीकरण को नई विश्व व्यवस्था की परिभाषा माना गया था। यह यूरेशिया (Eurasia) भूभाग के कारण ब्रिक (BRIC) अर्थात ब्राजील, रूस, भारत, चीन से अलग था। लेकिन कोविड-19 ने कई कमजोरियों को उजागर किया है। रूस-भारत-चीन समूह एक रणनीतिक समूह है, जिसने 1990 के दशक के उत्तरार्ध में पहली बार एक रूसी राजनेता येवगेनी प्रिमाकोव (Yevgeny Primakov) के नेतृत्व में आकार लिया था। समूह की स्थापना अमेरिका द्वारा निर्देशित अपनी उप-प्रधान विदेश नीति को समाप्त करने, भारत के साथ पुराने संबंधों को नवीनीकृत करने और चीन के साथ नई दोस्ती को बढ़ावा देने के आधार पर की गई थी। वैश्विक भूभाग का 19% से अधिक हिस्सा आरआईसी देशों द्वारा अधिकृत है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में इनका योगदान 33% से भी अधिक है। हाल ही में भारत ने रूस-भारत-चीन समूह की 'आभासी बैठक' (Virtual Meeting) में भाग लिया। आरआईसी का यह विशेष सत्र रूस द्वारा नाजीवाद पर दूसरे विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ और संयुक्त राष्ट्र के निर्माण (24 अक्टूबर, 2020) को मनाने के लिए रखा गया था, जिसमें वैश्विक महामारी की वर्तमान स्थिति और इस संदर्भ में वैश्विक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता और आरआईसी सहयोग की चुनौतियां पर चर्चा की गयी।
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.