वर्तमान में शिक्षा स्तर में आये हुए बदलावों के कारण छात्रों पर पढ़ाई का अत्यंत बोझ है जिसके साथ-साथ उन पर अकादमिक रूप से भी बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव निरंतर बना रहता है। किंतु इस दबाव से छात्रों का समुचित विकास सम्भव नहीं है। अगर अकादमिक पढ़ाई के साथ कुछ पाठ्य सहगामी क्रियाओं पर भी ध्यान दिया जाये तो छात्रों का चहुँमुखी विकास सम्भव हो पायेगा। पाठ्य सहगामी क्रियाओं की मदद से छात्र जहां अपनी अकादमिक शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे वहीं अपनी अन्य खूबियों को भी विकसित कर पायेंगे जो उनके पेशेवर जीवन के लिये भी कुछ अच्छा करने में मदद करेगा। सह-पाठ्यचर्या के अंतर्गत अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों जैसे गायन, वादन, पेंटिंग, सजावट, रंगोली, कला और शिल्प, योगा, कंप्यूटर आदि पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है।
आइये सर्वप्रथम यह समझने का प्रयास करें कि पाठ्य सहगामी क्रियाएं बच्चे के समग्र विकास के लिये क्यों आवश्यक हैं:संदर्भ:
1. https://bit.ly/2S32XAn
2. https://bit.ly/2NG0FsD
3. https://bit.ly/32dT7As
4. https://bit.ly/2JqxA0h
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.