आज के आधुनिक युग में सब कुछ आधुनिक होता जा रहा है। यह आधुनिकता इतनी फ़ैल गयी है कि आज हमारे भोजन यानी कि सब्जियों आदि को भी रसायनों द्वारा फटाफट उगाया और पकाया जा रहा है। मनुष्य कितना भी आधुनिक हो जाये, परन्तु खाद्य पदार्थ वो सदैव प्राकृतिक ही चाहता है। परन्तु आज की इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में हमें जहाँ किसी चीज़ की सुध लेने की फुर्सत नहीं है वहाँ हम कैसे पता लगायें कि हमारी सब्जियां और फल हमारे स्वास्थ्य के लिए सही हैं या नहीं। कितना अच्छा होता यदि हम अपने घर में ही इन्हें बिना रसायनों के उगा सकते। तो उगाइये ना!
जी हाँ, अपने घर में अपनी खुद की सब्जियां उगाना आज कोई नयी बात नहीं है और ना ही ये कोई बहुत मुश्किल कार्य है। और सबसे अच्छी बात तो ये कि इन्हें पूर्ण प्राकृतिक रूप से उगाया जा सकता है बिना किसी रासायनिक इस्तेमाल के। कैसे अपने घर में एक छोटी सी जैविक कृषि की शुरुआत की जाये इसे नीचे समझाया गया है:
गमले:
ज़रूरी नहीं है कि आप मिट्टी और प्लास्टिक के बने महंगे गमलों में पैसा लगायें। छोटी प्लास्टिक की बोतलों, बाल्टियों आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा ही एक गमला लें और उसे मिट्टी और घर में बनाई खाद से भर दें।
मिट्टी की तैयारी:
अगला कदम है पोषक तत्व समृद्ध मिट्टी तैयार करना जिससे पौधा तंदरुस्त रह सके। इसके लिए केवल अपने रसोई के कचरे का इस्तेमाल करना है, जैसे सब्ज़ी के छिलके, फलों के छिलके, सड़ी-गली सब्जियां आदि। इसके बाद बस समय-समय पर इसमें लाल मिट्टी डालते रहिये।
अपनी मिट्टी के लिए एक स्वस्थ परत बनाएँ:
ध्यान रखिये, हर समय आपकी मिट्टी कुछ सूखी पत्तियों से ढकी होनी चाहिए ताकि उसमें नमी बनी रहे और उसमें मौजूद सूक्ष्मजीव सीधी धूप से बच सकें। साथ ही इससे सूक्ष्मजीवों को खाना भी मिलता रहता है।
अमृत जल की तैयारी:
हर 15 से 20 दिन में अपने पौधे में अमृत जल डालिए। अमृत जल एक मिश्रण होता है जिसमें गौमूत्र, गोबर, जैविक काला गुड़, पानी आदि पड़ते हैं। इसे घर में बना कर रखा जा सकता है। साथ ही इस मिट्टी में हर तीन महीने में लकड़ी की राख भी डाली जा सकती है। अब ये मिट्टी बीज बोने के लिए तैयार है।
फल और सब्जियां उगाना शुरू करें:
बीज लेते वक़्त याद रखें कि परागत बीज ही खरीदें ना कि संकर बीज। शुरुआत आसान और सादे पौधों से करें, जैसे तुलसी, पुदीना, मिर्च, पालक आदि। इन्हें उगाने में आसानी इसलिए होती है क्योंकि इन्हें ज़्यादा धूप की ज़रूरत नहीं होती तथा इन्हें घर के अन्दर या खिड़की के पास भी रखा जा सकता है।
एक बार आपका अभ्यास इन आसान पौधों में हो जाये तब आप दूसरे पौधों को उगाने की भी कोशिश कर सकते हैं जैसे पत्तागोभी, शिमला मिर्च, मूली, गाजर, बैंगन, टमाटर आदि।
और आखिर में स्वयं उगाई इन सब्जियों का आनंद लें। और याद रखें, यह कार्य बहुत ही धैर्य के साथ करने वाला कार्य होता है तथा जल्दबाज़ी में इसे करने से कुछ हासिल नहीं होगा।
संदर्भ:
1.http://hometalk.sulekha.com/how-to-grow-your-very-own-organic-kitchen-garden_618824_blog
2.http://www.thealternative.in/lifestyle/a-beginners-guide-to-organic-terrace-gardening-what-do-you-need-to-get-started/